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Paise Ki Kahani

Hemant Kumar

कहते है इससे पैसा बच्चों ये चीज़ बड़ी मामूली है लेकिन इस पैसे के पीछे सब दुनिया रास्ता भूलि है इन्सान की बनाई चीज़ है ये लेकिन इनसान पे भारी है हल्कीसी झलक इस पैसे की धर्म और ईमान पे भारी है ये झूठ को सच कर देता है और सच को झूठ बनता है भगवान नहीं पर हर घर में भगवान की पदवी पता है इस पैसे के बदले दुनिया में इंसानो की मेहनत बिकती है जिस्मों की हरारत बिकती है रूहो की शराफ़त बिकती है करदार ख़रीदे जाते है दिलदार ख़रीदे जाते है मिटटी के सही पर इससे ही अवतार ख़रीदे जाते है इस पैसे के खातिर दुनिया में आबाद वतन बट जाते है धरती टुकड़े हो जाती है लाशो के कफ़न बस जाते है इज़्ज़त भी इस से मिलाती है तालीम भी इस से मिलते है तहज़ीब भी इस से आती है तालीम भी इस से मिलाती है हम आज तुम्हे इस पैसे का सारा इतिहास बताते है कितने युग अब तक गुज़ारे है उन सब के झलक दिखलाते है इक ऐसा वक़्त भी था जग में जब इस पैसे का नाम न था चीज़े चीज़ों पे चलते थे चीज़ों का कुछ भी दाम न था चीज़ों से चीज़ बदलने का यह ढग बहुत बेकार सा था लेना भी कठिन था चीज़ो का ले जाना भी दुशवार सा था इनसान ने तब मिलकर सोचा क्यों वक़्त इतना बरबाद करे हर चीज़ की जो कीमत ठहरे वो चीज़ का क्यों न इज़ाद करे इस तरह हमारे दुनिया में पहला पैसा तैयार हुआ और इस पैसे की हसरत में इनसान ज़लील ओ खार हुआ पैसेवाले इस दुनिया में जागीरों के मालिक बन बैठे मज़दूरों और किसानों के तक़दीर के मालिक बन बैठे जंगो में लदया भूखो को और अपने सर पर ताज रखा निर्धरण को दिया परलोक का सुख अपने लिए जग का राज़ रखा पंडित और मुल्ला इल्क के लिए मज़हब के सही फैलाते रहे शायर तारीफ़े लिखते रहे गायक दरबारी गाते रहे आ आ ओ ओ वैसा ही करेंगे हम जैसा तुझे चाहिए पैसा हमें चाहिए वैसा ही करेंगे हम जैसा तुझे चाहिए पैसा हमें चाहिए हल तेरे जोतेंगे खेत तेरे बोयेंगे ज़ोर तेरे हांकेंगे बोझ तेरा धोयेंगे पैसा हमें चाहिए पैसा पैसा वैसा ही करेंगे हम जैसा तुझे चाहिए पैसा हमें चाहिए पैसा हमें दे दे राजा गुण तेरे गाएँगे तेरे बच्चे बच्चियों का खैर मनाएंगे पैसा हमें चाहिए वैसा ही करेंगे हम जैसा तुझे चाहिए पैसा हमें चाहिए युग युग से ऐसे दुनिया में हम दान के टुकड़े माँगते है हल जोत के फसल काट के भी पकवान के टुकड़े माँगते है लेकिन इन भीख के टुकड़ों से कब भूख का सुकत दूर हुआ इन्सान सदा दुःख झेलेगा अगर ख़त्म भी यह दस्तूर हुआ ज़ंज़ीर बानी है कदमो की वह चीज़ पहले गहना थी भारत के सपूतों आज तुम्हे बस इतनी बात ही केहना थी जिस वक़्त बड़ा हो जाओगे तुम पैसे का राज मिटा देना अपना और अपने जैसों का युग युग का क़र्ज़ चुका देना युग युग का क़र्ज़ चुका देना --- Paise Ki Kahani - Lata Mangeshkar, Hemant Kumar and रानू मुखर्जी

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※ Letrista

KUMAR HEMANT, Sahir Ludhianvi

https://onlyrics.co/es/hemant-kumar/paise-ki-kahani?lang=hi

Enviado el 2 de diciembre de 2022 Por Anonymous

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Hemant Kumar
Lo mejor de
Hemant Kumar

Nombre Lanzamiento o Álbum

Girl Friend (Original Motion Picture Soundtrack)

Record Label

Saregama

Fecha de Lanzamiento

31 de diciembre de 1960

Idioma

language Hindi

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Palabras

Palabras más usadas en esta canción

तेरे जैसा दुनिया पैसा चाहिए हमें जाते इनसान वक़्त तुझे पैसे चीज़ों लेकिन अपने टुकड़े करेंगे चीज़ वैसा ख़रीदे देना बिकती

Análisis

Análisis de la canción