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Kainat Chale

Gulzar, Jagjit Singh

नज़र उठाओ ज़रा तुम तो कैनात चले नज़र उठाओ ज़रा तुम तो कैनात चले है इंतज़ार के आँखों से कोई बात चले है इंतज़ार के आँखों से कोई बात चले नज़र उठाओ ज़रा तुम तो कैनात चले तुम्हारी मर्ज़ी बिना वक़्त भी अपाहाज़ है तुम्हारी मर्ज़ी बिना वक़्त भी अपाहाज़ है ना दिन खिषाकता है आगे ना आयेज रात चले ना दिन खिषाकता है आगे ना आयेज रात चले है इंतज़ार के आँखों से कोई बात चले नज़र उठाओ ज़रा तुम तो कैनात चले ना जाने उंगली च्छुदा कर निकल गया है किधर ना जाने उंगली च्छुदा कर निकल गया है किधर बहोट कहाँ था ज़माने से साथ साथ चले बहोट कहाँ था ज़माने से साथ साथ चले है इंतज़ार के आँखों से कोई बात चले नज़र उठाओ ज़रा तुम तो कैनात चले किसी भिखारी का टूटा हुआ कटोरा हैं किसी भिखारी का टूटा हुआ कटोरा हैं गले में डाले उससे आस्मा पे रात चले गले में डाले उससे आस्मा पे रात चले है इंतज़ार के आँखों से कोई बात चले नज़र उठाओ ज़रा तुम तो कैनात चले ओ कैनात चले..ओ कैनात चले ओ कैनात चले..ओ कैनात चले --- Kainat Chale - Jagjit Singh

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※ Letrista

GULZAR, JAGJIT SINGH

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Enviado el 4 de diciembre de 2022 Por Anonymous

Comentarios

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Jagjit Singh
Lo mejor de
Jagjit Singh

Nombre Lanzamiento o Álbum

Koi Baat Chale

Record Label

Sony Music Entertainment

Fecha de Lanzamiento

13 de octubre de 2006

Idioma

language Hindi

Artistas en esta canción

• Jagjit Singh • Gulzar

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Palabras

Palabras más usadas en esta canción

इंतज़ार कैनात आँखों नज़र ज़रा उठाओ

Análisis

Análisis de la canción