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Saathia

Omar Mukhtar

एक प्यार की नदिया में एक पंछी था उस के उस नादान दिल में कोई रहता था जो रात क अंधेरो में जुगनों की तरह अपने और उस को बुलाता था वो रात का बंजारा है सुबहो का वो है तारा हर सांस में छाया है मेरी रूह में समाया है चुप के से तू आ जा रे मुझे हाथों में ले ले आँखों की ज़ुबान से मेरे दिल में रस घोले ओ साथिया आ ओ रांझना आ तेरी गलियों में फिरता हूँ हो कर में दीवाना यह आँख जो बेहकी जाए देखूं उसे तो शरमाये आजा तू मेरी बाहों में आ दुनिया भूल जाएँ तेरे होंठ जो छू जाएँ तो सांस ये थम जाए नै जीना मेने तेरे बिना आ मुझ को तू अपना ले उस की खुशी में मुझ को अपनी खुशी मिली उस क गम में मुझ को गम मिले बस खो जाओं उस की आँखों में हाँ रात दिन में राहों उस क ख्यालों में ना सुरज ना चाँद उस से प्यारा है जहाँ में खुद को खोलु उस वाहा को पाया है हाँ दिन हो या रात तेरा ही साया है मेने तो इस जिवन में अब तुझ को पाया है ओ साथिया आ ओ रांझना आ तेरी गलियों में फिरता हूँ हो कर में दीवाना यह आँख जो बेहकी जाए देखूं उसे तो शरमाये आजा तू मेरी बाहों में आ दुनिया भूल जाएँ तेरे होंठ जो छू जाए तो सांस ये थम जाए नै जीना मेने तेरे बिना आ मुझ को तू अपना ले आ आ आ आ आ आ --- Saathia - Omar Mukhtar

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※ Letrista

Omar Mukhtar

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Enviado el 4 de diciembre de 2022 Por Anonymous

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Omar Mukhtar
Lo mejor de
Omar Mukhtar

Nombre Lanzamiento o Álbum

Ram Pam Para

Record Label

Elements Media

Fecha de Lanzamiento

22 de abril de 2017

Idioma

language Hindi

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Palabras

Palabras más usadas en esta canción

मेने मेरी सांस तेरे जाएँ

Análisis

Análisis de la canción