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Aye Udi Udi Udi

A.R. Rahman

ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी ऐ अंग रंग खिली ऐ सारी रात हो गयी ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी ऐ अंग रंग खिली ऐ सारी रात हो गयी हल्की ऐ हल्की कल रात जो शबनम गिरी अरे अँखियाँ वखियाँ भर गयीं कल तो हाथ में डब डब गिरी पहली पहली बारिश की छींटें पहली बारिश भीगी हो हो नगीना नगीना नगीना हो ओ न जारे न जारे नगीना हो नगीना नगीना नगीना हो ओ न जारे न जारे नगीना उलझी हुयी थी खुल भी गयी थी लट वो रात भर भरसी कभी मनाये खूब सताए वो सब यार की मर्जी ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी ऐ अंग रंग खिली ऐ सारी रात हो गयी ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी छेड़ दूं मैं कभी प्यार से तो तंग होती है छोड़ दूं रूठ के तो भी तो जंग होती है छेड़ दूं मैं कभी प्यार से तो तंग होती है खामखा चूम लूं तो भी तो जंग होती है ज़िंदगी आँखों की आयत है ज़िंदगी आँखों में रखी है तेरी अमानत है ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी नगीना नगीना नगीना हो ओ न जारे न जारे नगीना नगीना नगीना नगीना हो ओ न जारे न जारे नगीना उलझी हुयी थी खुल भी गयी थी लट वो रात भर भरसी कभी मनाये खूब सताए वो सब यार की मर्जी ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी ऐ अंग-रंग खिली ऐ सारी रात हो गयी ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी ऐ अंग रंग खिली ऐ सारी रात हो गयी लड़ लड़ के जीने को ये लम्हें भी थोड़े हैं मर मर के सीने में ये शीशे जोड़े हैं तुम कह दो सब नाते मंजिल दो सोचो तो अम्बर पे पहले ही सितारे थोड़े हैं ज़िंदगी आँखों की आयत है ज़िंदगी पलकों में चखी है मीठी शिकायत ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी नगीना नगीना नगीना हो ओ न जारे न जारे नगीना नगीना नगीना नगीना हो ओ न जारे न जारे नगीना उलझी हुयी थी खुल भी गयी थी लट वो रात भर भरसी कभी मनाये खूब सताए वो सब यार की मर्जी ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी ऐ अंग रंग खिली ऐ सारी रात हो गयी ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी ऐ अंग रंग खिली ऐ सारी रात हो गयी

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※ Letrista

SAMPOORAN SINGH GULZAR, A R RAHMAN, GULZAR

https://onlyrics.co/es/a-r-rahman/aye-udi-udi-udi?lang=hi

Enviado el 9 de octubre de 2022 Por Anonymous

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A.R. Rahman
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A.R. Rahman

Nombre Lanzamiento o Álbum

Saathiya

Record Label

YRF Music

Fecha de Lanzamiento

18 de octubre de 2002

Idioma

language Hindi

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Palabras

Palabras más usadas en esta canción

मर्जी होती मनाये नगीना उड़ी हुयी आँखों उलझी ख़्वाबों ज़िंदगी खिली पुड़ी सताए जारे भरसी पहली सारी

Análisis

Análisis de la canción